डॉ. अग्रवाल गुरुवार को यहां विद्युत भवन में विद्युत कंपनियों की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि विद्युत कंपनियों में वित्तीय अनुशासन यानी कि वित्तीय कंपनियों के अधिक ब्याज दर के ऋणों को युक्तिसंगत बनाने के लिए रिस्ट्रक्चरिंग के लिए संयुक्त सचिव एनर्जी डॉ. आलोक रंजन की अध्यक्षता में डिस्कॉम्स के वित्तीय अधिकारियों की छह सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
एसीएस ने बताया कि राज्य में सस्ती और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही डिस्काम्स का घाटा कम करने के समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। आरईसी मैकेनिज्म के तहत स्थापित विण्ड और सोलर प्लांटों का बिजली खरीद समझौता 31 मार्च, 2019 में समाप्त हो जाने के कारण कंपनियां कोर्ट में गई हुई है। सरकार द्वारा दरें तय कर देने से अब यह कंपनियां न्यायालयोें से वाद वापिस लेकर तय दरों पर बिजली उपलब्ध करा सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे न्यायालयों में चल रहे अनावश्यक प्रकरण भी कम होंगे, कंपनियों द्वारा उत्पादित बिजली भी निर्धारित दर पर खरीद हो सकेगी।
डॉ. अग्रवाल ने तीनों डिस्काम्स की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। बैठक मेें अजमेर डिस्कॉम की परफोरमेंस की सराहना की गई।
चेयरमैन डिस्काम्स श्री भास्कर ए सावंत ने विद्युत छीजत कम करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के निर्देश दिए।
बैठक में सीएमडी राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम श्री आरके शर्मा, संयुक्त सचिव एनर्जी श्री आलोक रंजन, वित्त विभाग के प्रतिनिधि श्री मेवाराम, एमडी जयपुर डिस्काम श्री नवीन अरोड़ा, अजमेर श्री वीएस भाटी, जोधपुर श्री अविनाश सिंघवी, निदेशक ऑपरेशन ऊर्जा विकास निगम श्री पीएस सक्सैना, सीई ऊर्जा विकास निगम श्री मुकेश बंसल, सीएस श्रीमती शिल्पा कासलीवाल व संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।