कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा के आगे बोना हुआ निरीक्षण निदेशालयजयपुर। राजस्थान सरकार में तो राजस्थान संवाद के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर अधेर नगरी, अधेर राजा, टका सेर भाजी, टका सेर ही ख्याजा, वाली कहावत को ही चरितार्थ कर के सिद्ध कर दिया है। एसा ही मामला एक दिनाक 8 अगस्त 2019 को राजस्थान भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं निवारण मंच शाखा अजमेर की ओर से सरकार के मखिया अशोक गहलोत को एक लिखित में दी गई शिकायत का प्रकाश में आया है। उक्त शिकायत में राजस्थान संवाद की कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा शर्मा के खिलाफ आरटीपीपी अधिनियम 2013 की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का भी उल्लेख किया गया है। जिस अधिकारियों ने आडिट के भी आदेश किए थे, लेकिन मास्टर माइंड राजस्थान संवाद की कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा शर्मा के आगे बिना आडिट किए ही बेरंग लौटे निरीक्षण दल के अधिकारी भी बोने ही साबित हो गए है। प्राप्त जानकारी के अनसार राजस्थान भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं निवारण मंच शाखाई 131 पुष्कर रोड, हरि भाउ उपाध्याय नगर विस्तार अजमेर के संयोजक पुखराम कुमावत की ओर से मंच के पत्र क्रमांक 120...23 के जरिए दिनांक 8 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखित में शिकायत की। शिकायत में पुखराम कुमावत ने बताया कि दिनांक 24 अगस्त 2018 को निविदा सूचना संख्या 915 यूबीएनन. आईपीआर 1819एसएलआरसी00006 'अटैच.1' से 5 करोड की निविदा प्रोवाइडिंग सर्विस आफ डिजाईनिंग, प्रोड्यूसिंग, रिलेंजिग आफ एडवरटाईजमेंट आफप्रिंट मीडिया के लिए पमों को इम्पनल करने के लिए जारी की गई थी। उक्त निविदा

जयपुर। राजस्थान सरकार में तो राजस्थान संवाद के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर अधेर नगरी, अधेर राजा, टका सेर भाजी, टका सेर ही ख्याजा, वाली कहावत को ही चरितार्थ कर के सिद्ध कर दिया है। एसा ही मामला एक दिनाक 8 अगस्त 2019 को राजस्थान भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं निवारण मंच शाखा अजमेर की ओर से सरकार के मखिया अशोक गहलोत को एक लिखित में दी गई शिकायत का प्रकाश में आया है। उक्त शिकायत में राजस्थान संवाद की कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा शर्मा के खिलाफ आरटीपीपी अधिनियम 2013 की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का भी उल्लेख किया गया है। जिस अधिकारियों ने आडिट के भी आदेश किए थे, लेकिन मास्टर माइंड राजस्थान संवाद की कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा शर्मा के आगे बिना आडिट किए ही बेरंग लौटे निरीक्षण दल के अधिकारी भी बोने ही साबित हो गए है। प्राप्त जानकारी के अनसार राजस्थान भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं निवारण मंच शाखाई 131 पुष्कर रोड, हरि भाउ उपाध्याय नगर विस्तार अजमेर के संयोजक पुखराम कुमावत की ओर से मंच के पत्र क्रमांक 120...23 के जरिए दिनांक 8 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखित में शिकायत की। शिकायत में पुखराम कुमावत ने बताया कि दिनांक 24 अगस्त 2018 को निविदा सूचना संख्या 915 यूबीएनन. आईपीआर 1819एसएलआरसी00006 'अटैच.1' से 5 करोड की निविदा प्रोवाइडिंग सर्विस आफ डिजाईनिंग, प्रोड्यूसिंग, रिलेंजिग आफ एडवरटाईजमेंट आफप्रिंट मीडिया के लिए पमों को इम्पनल करने के लिए जारी की गई थी। उक्त निविदा में वित्तीय प्रस्तावों में कार्यकारी निदेशक वित्त अनपमा शर्मा ने आरटीपीपी अधिनियम 2012 एवं 2013 को ठेंगा दिखाते हए अपने चहतों की पों को वर्क आर्डर जारी कर दिए थे। वित्तीय प्रस्तावों में पर्म मैसर्स एसजी, मैसर्स प्रयास एवं मैसर्स चन्द्रा ने अपनी कीमतें निविदा में क्रमशः 4.90 प्रतिशत, 5.50 प्रतिशत एवं 5.50 प्रतिशत दरे प्रस्तुत की थी। यहीं से राजस्थान संवाद की कार्यकारी निदेशक वित्त अनुपमा शर्मा का खेल होता है शुरू और उक्त पमों के प्रतिनिधियों से ये लिखवा लिया गया कि त्रुटिवस दरें गलत लिख दी गई है। इन दरों को 6 प्रतिशत मानकर ही दर अनुमादित की जावे।